मुसलमानों को आरक्षण देने के बयान से कुछ ही घंटों में पलटे लालू यादव, अब दी सफाई
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव हमेशा बीजेपी पर हमलावार हैं. वहीं, उन्होंने मुसलमानों के लिए आरक्षण की वकालत की थी. अब अपने ही बयान से मुकर गए.
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने ‘मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए’ वाले बयान से कुछ ही घंटों में पलटी मार दी. लालू यादव ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, “आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है. प्रधानमंत्री को इतनी सी भी समझ नहीं है. मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है. क्या नरेंद्र मोदी ने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी है? मंडल कमीशन में 3,500 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है, जिसमें अन्य धर्मों की भी सैंकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है.’
भाजपा के खिलाफ बोले लालू यादव
लालू यादव आगे भाजपा को निशाने पर लेते हुए लिखा कि ‘ये हमसे बड़े और असली ओबीसी नहीं हैं ना? हमसे ज्यादा गरीबों, पिछड़ों और दलितों की इनको समझ नहीं है. ये लोग बस एक-दूसरे को लड़ाते हैं. बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर के दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघियों और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है. सन 2000 में एनडीए की भाजपाई सरकार ने तो बाकायदा संविधान समीक्षा आयोग ही गठित कर दिया था’
उन्होंने कहा कि ये लोग संविधान को मानते ही नहीं, अगर संविधान को मानते तो नफरत फैलाने वाली विभाजनकारी भाषा का प्रयोग नहीं करते. इसके साथ उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया.
पहले की थी मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत
इससे पहले लालू यादव ने मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की वकालत की थी. पटना में पत्रकारों के सवाल पर लालू यादव ने कहा था कि जनता समझ गई है भाजपा को, मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए. लालू यादव के इस बयान के बाद भाजपा के नेता राजद सहित इंडिया गठबंधन पर हमलावर हो गए.