राजा भैया ने दिया झटका, धनंजय सिंह ने दी राहत, BJP के लिए यूपी की तीन सीटों पर अब क्या होगा?
उत्तर प्रदेश की जौनपुर, प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर सियासी पारा हाई हो गया है. अब आगे का चुनाव इन तीनों की सीटों पर काफी रोचक होने जा रहा है.
लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वांचल के दो बड़े नेताओं- रघुराज प्रताप सिंह और धनंजय सिंह ने अहम सियासी फैसला ले लिया है. दोनों नेताओं के निर्णय का यूपी की तीन लोकसभा सीटों – जौनपुर, प्रतापगढ़ और कौशांबी पर असर पड़ सकता है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी जौनपुर छोड़कर बाकी दोनों सीटें जीती थी.
धनंजय सिंह ने मंगलवार शाम कहा कि मैं बीजेपी का साथ दूंगा. मैंने अपने समर्थकों से कह दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हूं. मेरी पत्नी श्रीकला बीजेपी ज्वाइन कर सकती है.
धनंजय के इस निर्णय का जौनपुर लोकसभा सीट पर असर पड़ सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से कृपाशंकर सिंह, सपा-कांग्रेस अलायंस ने बाबू सिंह कुशवाहा और बसपा ने श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है. इससे पहले बसपा ने इस सीट पर धनंजय की पत्नी श्रीकला को प्रत्याशी बनाया था हालांकि नामांकन के आखिरी दिन मायावती ने प्रत्याशी बदल दिया और श्याम सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया.
धनंजय सिंह के फैसले पर जौनपुर से बीजेपी प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह ने कहा कि त्रिकोण वन टू वन हो गया. अब वन होगा. धनंजय से अदावत पर बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं. मैंने ऐसा कुछ सुना नहीं. मुझे छठा द्वार पता था. सातवां इन लोगों ने तोड़वा दिया. उन्होंने कहा कि मैं चाहूँगा की बाबू सिंह कुशवाहा भी हमे जॉइन करें.
वहीं राजा भैया के फैसले का प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में असर पड़ सकता है. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने बीजेपी को झटका देते हुए कहा कि वह किसी को समर्थन नहीं देंगे और उन्होंने अपने समर्थकों को छूट दी है कि वह जिसे चाहें उसे समर्थन कर सकते हैं.
राजा भैया के इस निर्णय से प्रतापगढ़ और कौशांबी में बीजेपी को और मेहनत करनी पड़ सकती है. बीजेपी ने कौशांबी से विनोद सोनकर को और प्रतापगढ़ से संगम लाल गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है. माना जाता है कि कौशांबी लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और राजा भैया के बीच आंतरिक समीकरण ठीक नहीं हैं. बीते दिनों सोनकर के एक बयान से भी सियासत में गर्मी आ गई थी.