कनाडा से खटास, चीन संग LAC विवाद और पड़ोसी PAK… भारत के लिए कौन है बड़ी चुनौती? एस जयशंकर ने साफ किया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने NDTV वर्ल्ड समिट 2024 में कनाडा, चीन और पाकिस्तान से जुड़ी चुनौतियों पर खुलकर बात की। जानिए कौन है भारत के लिए बड़ी चुनौती।
NDTV वर्ल्ड समिट 2024 में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कनाडा के साथ संबंधों की खटास, चीन के साथ LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) विवाद और पाकिस्तान को लेकर अपनी राय साफ तौर पर रखी। एस जयशंकर ने समिट के दौरान पत्रकार संजय पुगलिया से खुलकर बात की और भारत के लिए मौजूदा समय में कौन-सा देश बड़ी चुनौती है, इस पर भी प्रकाश डाला।
कनाडा के साथ रिश्तों में खटास
कनाडा के साथ वर्तमान रिश्तों पर जयशंकर ने साफ किया कि पश्चिमी देशों के मुकाबले कनाडा थोड़ा पीछे है। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि पूरे पश्चिमी हिस्से को हमारी समझ नहीं है। वे लोग समझते हैं, कई एडजस्ट करते हैं, कुछ कम, कुछ ज्यादा। लेकिन कनाडा इस मामले में पीछे है।” उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा के साथ मौजूदा रिश्तों की कल्पना करना कठिन है।
चीन के साथ LAC विवाद पर क्या बोले जयशंकर?
चीन के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि दोनों देश पड़ोसी हैं, लेकिन सीमा विवाद अब भी अनसुलझा है। उन्होंने कहा, “अगर एक ही समय में दो देश आगे बढ़ रहे हैं, तो स्थिति आसान नहीं होती। मुझे लगता है कि कूटनीति की बहुत जरूरत पड़ेगी। हमारे बीच संतुलन कैसे आएगा, यह बड़ी चुनौती है।” LAC विवाद पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उस स्थान पर गश्त करेगा, जहां 2020 में गश्त होती थी।
रूस के साथ संबंधों पर क्या कहा?
रूस के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा, “अगर आप रूस के साथ हमारे इतिहास को देखेंगे तो पाएंगे कि उसने हमारे खिलाफ कुछ भी नहीं किया। हालांकि, पश्चिमी देशों के साथ उसकी स्थिति कुछ और है। वह अब एशिया की ओर देख रहा है क्योंकि उसके पास अधिक विकल्प नहीं हैं।”
पाकिस्तान को लेकर जयशंकर की टिप्पणी
पाकिस्तान के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि उनकी मुलाकात पूर्व पीएम नवाज शरीफ से नहीं हुई थी। उन्होंने कहा, “मैं तो सिर्फ एससीओ सम्मेलन के लिए गया था। हमने पाकिस्तान के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, हाथ मिलाया और फिर हम वापस आ गए। हमारी मीटिंग अच्छी रही।”
एशिया में पड़ोसी देशों पर जयशंकर का नजरिया
मालदीव और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को लेकर जयशंकर ने कहा कि आज हमारे पड़ोसी देश लोकतांत्रिक हैं, इसलिए वहां बदलाव होते रहेंगे। श्रीलंका की विकट स्थिति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “जब श्रीलंका संकट में था, तो भारत ही आगे आया था।” उन्होंने कहा कि भारत जितना अपने पड़ोसी देशों में निवेश करेगा, क्षेत्र का विकास उतना ही होगा।
AI और डिजिटल टेक्नोलॉजी पर बोले जयशंकर
डिजिटल टेक्नोलॉजी और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के सवाल पर एस जयशंकर ने इसे एक अवसर बताया। उन्होंने कहा, “ये किसी अवसर से कम नहीं हैं। ये पूरे पैकेज के साथ आते हैं और आपकी प्लानिंग और स्ट्रैटेजी का विकास होते रहना चाहिए।”
निष्कर्ष
एस जयशंकर की इन टिप्पणियों से स्पष्ट है कि भारत के सामने कई चुनौतियां हैं, लेकिन सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए कूटनीतिक प्रयासों में जुटी है। चाहे कनाडा के साथ संबंधों की खटास हो, चीन के साथ LAC विवाद हो या पाकिस्तान के साथ रिश्तों का उतार-चढ़ाव, भारत अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।