Gyanvapi Case ASI Survey: हिंदू पक्ष को कोर्ट से बड़ा झटका, एएसआई सर्वे याचिका खारिज
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में आज, 25 अक्टूबर, 2024 को एक अहम फैसला आया है, जिससे हिंदू पक्ष को झटका लगा है। वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा एएसआई सर्वे की मांग को खारिज कर दिया। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे शिवलिंग होने का दावा किया था और एएसआई द्वारा सर्वेक्षण और खुदाई की मांग की थी ताकि इस दावे की पुष्टि हो सके। कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष ने इस मामले को उच्च न्यायालय में ले जाने की घोषणा की है।
हिंदू पक्ष की याचिका और कोर्ट का फैसला
हिंदू पक्ष ने अपनी याचिका में ASI सर्वे की मांग रखते हुए कहा कि मुख्य गुंबद के नीचे एक शिवलिंग है, जिसकी पुष्टि खुदाई के माध्यम से की जानी चाहिए। इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया कि खुदाई से मस्जिद के ढांचे को नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के इस तर्क को मानते हुए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी।
एतिहासिक पृष्ठभूमि और याचिका की मांग
ज्ञानवापी मस्जिद पर हिंदू पक्ष ने 1991 में मालिकाना हक का दावा करते हुए एक याचिका दाखिल की थी। हाल के वर्षों में, हिंदू पक्ष ने वजूखाने का ASI सर्वे करने और खुदाई की मांग की ताकि शिवलिंग की उपस्थिति के दावे की पुष्टि हो सके। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वजूखाने को सील कर दिया गया है ताकि इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जा सके।
अगला कदम: उच्च न्यायालय में अपील
हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि वे इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि उनका दावा है कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे एक विशाल शिवलिंग है, जिसकी पुष्टि जरूरी है।
निष्कर्ष
यह फैसला ज्ञानवापी मामले के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। हिंदू पक्ष की एएसआई सर्वे की मांग को खारिज किए जाने से विवाद और गहरा सकता है। उच्च न्यायालय में अपील किए जाने पर इस मामले में आगे के फैसले और दावे का नतीजा देखा जाएगा।