मनोज तिवारी का अभिनेता से परिपक्व नेता बनने का दस वर्षों का सफर
* क्षेत्र की जनता के हित को रखा सर्वोपरि
– शिवा कौशिक –
नई दिल्ली , मनोज तिवारी भोजपुरी अभिनेता सेलिब्रिटी होने की वजह से यह नाम सुर्खियों में रहता ही है लेकिन उत्तरी पूर्वी लोकसभा क्षेत्र के हर मोहल्ले, हर गली में मनोज तिवारी के नाम की चर्चा जोरों शोरों से तब शुरू हुई जब 2014 में भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए उत्तरी पूर्वी लोकसभा क्षेत्र से बतौर प्रत्याशी मनोज तिवारी के नाम की घोषणा की हालांकि ताज्जुब सभी को था की किसी भी स्थानीय वरिष्ठ नेता को सांसद प्रत्याशी न बना कर भाजपा ने भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी के नाम की घोषणा की |
बहरहाल वे बड़े अंतर से चुनाव जीतकर सांसद चुने गए। सांसद चुने जाने के बाद 2016 में भाजपा ने मनोज तिवारी को भाजपा दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिया जिसके बाद दिल्ली की राजनीति में मनोज तिवारी भाजपा का एक बड़ा चेहरा बन गए और मनोज तिवारी के नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के नगर निगम के चुनावों में रिकॉर्डतोड़ जीत भी हासिल की । धीरे धीरे मनोज तिवारी का राजनीतिक कद बढ़ता गया और जिन लोगों को ऐसा लग रहा था की मनोज तिवारी कभी भी अपने भोजपुरी सुपरस्टार के स्टेटस से बाहर नही आ पाएंगे मनोज तिवारी ने उन सभी लोगों को गलत साबित कर दिया। 2014 से 2019 तक के पांच वर्षों में मनोज तिवारी के बढ़े राजनीतिक कद का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है की 2019 लोकसभा चुनावों में मनोज तिवारी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को साढ़े तीन लाख से भी अधिक वोटों से हराया और दूसरी बार उत्तरी पूर्वी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।
मनोज तिवारी राजनीति में कितने परिपक्व हो गए है और भाजपा को मनोज तिवारी की जीत का कितना भरोसा है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की दिल्ली के सभी सातों सांसदों में से एक मनोज तिवारी ही है जिनको पार्टी ने फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया है। अब बात करते है सांसद मनोज तिवारी के द्वारा उनके दस वर्षों के कार्यकाल में उत्तरी पूर्वी लोकसभा क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में तो मनोज तिवारी ने हमे बताया की सिग्नेचर ब्रिज का काम पिछले 12 वर्षों से लटका पड़ा था, यह कार्य सिर्फ कागजों पर ही हो रहा था लेकिन जमीन पर कुछ नही इसलिए जब मैंने चुनाव लड़ा था तभी मैंने तय कर लिया था की मुझे अपने क्षेत्र के लोगों के लिए सिग्नेचर ब्रिज बनवाना है जो मैंने अपने पहले ही कार्यकाल में बनवा भी दिया था। मनोज तिवारी ने आगे बताया की मुझे अपने नॉर्थ ईस्ट लोकसभा क्षेत्र के लोगों को ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलवानी थी, मेरी नजर में कुछ तीन से चार ऐसी जगाहें थी जहां बहुत ज्यादा जाम लगता था जैसे शास्त्री पार्क का चौराहा जहां कभी कभी लोग दो घंटे तक जाम में फंसे रहते थे तो जाम की इस समस्या से लोगों को निजात दिलवाने के लिए मैंने वहां एक एम्स जैसा चौराहा बनवा दिया और उस जगह को जीरो सिग्नल कर दिया।
मनोज तिवारी ने आगे बताया की जाम का दूसरा प्वाइंट था सीलमपुर का फ्लाईओवर जो सिंगल लेन का था उसको भी डबल लेन करने का प्लान था जो मैंने कर भी दिया। तीसरा जाम का प्वाइंट था शास्त्री पार्क से अक्षरधाम जाने वाली रोड या शास्त्री पार्क से पुस्ता होते हुए करावल नगर जाने वाली रोड, जाम की
समस्या को दूर करने के लिए एक बड़ी योजना के तहत नितिन गडकरी के सहयोग से और प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद से यहां पर एक एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य शुरू किया गया। मनोज तिवारी ने आगे बताया की जब मैं सांसद बना तो हमारे क्षेत्र में एक भी सेंट्रल स्कूल नहीं था तो सेंट्रल स्कूल बनवाने
के तहत शाहदरा में तो सेंट्रल स्कूल की बिल्डिंग बन के तैयार हो गई है और बहुत जल्द एक सेंट्रल स्कूल खजूरी में और एक बुराड़ी में बनना शुरू हो जाएगा। मनोज तिवारी ने आगे बताया की मेरे क्षेत्र में मेट्रो के स्टेशन काफी दूरी पर थे जिसके तहत मैंने शिव विहार को मेट्रो से जोड़ा और मौजपुर होते हुए मेट्रो को मजलिस पार्क तक जोड़ा। मनोज तिवारी ने आगे बताया की अपने उत्तरी पूर्वी लोकसभा क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने 13 करोड़ रुपए के फंड से अपने लोकसभा क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। तो यह था अभिनेता से नेता बने सांसद मनोज तिवारी का उत्तरी पूर्वी लोकसभा क्षेत्र का अभी तक का सफर। अब मनोज तिवारी फिर से चुनावी मैदान में है, एक तरफ जहां उनके समर्थक कहते है कि मनोज तिवारी एक बेहद ही शानदार सांसद साबित हुए है और आगामी लोकसभा चुनावों में भी जीत हासिल कर के मनोज तिवारी तीसरी बार सांसद बनेंगे और जीत की हैट्रिक लगाएंगे |