BRICS Summit: रूसी लड़कियों ने पीएम मोदी के स्वागत में पहनी खास ड्रेस, जानें इसके इतिहास और खूबसूरती की खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में हो रहे BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। वहां उनका स्वागत न केवल भारतीय समुदाय के लोगों ने किया, बल्कि रूसी नागरिकों ने भी गर्मजोशी से स्वागत किया। इसी दौरान एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दो रूसी महिलाएं पारंपरिक ड्रेस पहने पीएम मोदी का स्वागत कर रही हैं। इस लेख में हम इस खास ड्रेस की जानकारी और इसके ऐतिहासिक महत्व को विस्तार से समझेंगे।
महिलाओं ने पहनी ‘सरफान’ ड्रेस
रूसी संस्कृति में पारंपरिक परिधान एक विशेष स्थान रखते हैं, जिन्हें विशेष आयोजनों या सम्मानित विदेशी मेहमानों के स्वागत में पहना जाता है। इस तस्वीर में रूसी महिलाओं ने जो पारंपरिक ड्रेस पहनी है उसे ‘सरफान’ कहा जाता है। यह ड्रेस देखने में जितनी खूबसूरत है, इसका इतिहास और इसकी विशेषताएं भी उतनी ही दिलचस्प हैं।
‘सरफान’ का इतिहास
रूस में ‘सरफान’ का इस्तेमाल कब शुरू हुआ, इस पर इतिहासकारों के बीच मतभेद हैं। हालांकि, अधिकतर विशेषज्ञ मानते हैं कि यह परिधान 15वीं से 17वीं सदी के बीच रूस में लोकप्रिय हुआ। उस समय रूस में सामंती व्यवस्था का दौर था, और ‘सरफान’ केवल एक फैशनेबल परिधान नहीं था, बल्कि समाज में व्यक्ति की सामाजिक स्थिति का प्रतीक भी था। यह खासतौर पर उच्च वर्ग की महिलाओं द्वारा पहना जाता था, जो इसे प्रतिष्ठा और शोभा के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करती थीं।
‘सरफान’ की विशेषताएं
‘सरफान’ एक लंबी और ढीली पोशाक होती है, जो आमतौर पर बिना आस्तीन की होती है। इसे पहनने के लिए अलग-अलग परतों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह परिधान और भी आकर्षक दिखाई देता है। पहले के दौर में यह केवल उच्च वर्ग की महिलाओं तक सीमित था, लेकिन समय के साथ यह आम लोगों में भी लोकप्रिय हो गया। आज भी रूस के साइबेरियाई क्षेत्र की महिलाएं इसे विशेष अवसरों पर पहनती हैं।
रूसी संस्कृति में ‘सरफान’ का महत्व
‘सरफान’ सिर्फ एक कपड़ा नहीं है, बल्कि यह रूसी संस्कृति और परंपराओं का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है। रूसी लोककथाओं, गीतों और कहानियों में भी इसका जिक्र मिलता है। यहां तक कि आधुनिक समय में भी, जब दुनिया भर में फैशन तेजी से बदल रहा है, रूस में खास मौकों पर लोग पारंपरिक ड्रेस ‘सरफान’ को ही पहनना पसंद करते हैं। यह कपड़ा न केवल उनके परंपराओं से जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि यह उनकी संस्कृति की आत्मा का प्रतीक भी है।
‘सरफान’ का आज का महत्व
भले ही ‘सरफान’ का प्रयोग रोज़मर्रा की जिंदगी में कम हो गया हो, लेकिन रूस में शादी, त्योहार और सांस्कृतिक आयोजनों जैसे अवसरों पर इसे पहना जाता है। इसके साथ ही, जब भी किसी सम्मानित विदेशी मेहमान का स्वागत होता है, रूसी नागरिक इस पारंपरिक ड्रेस के जरिए अपने सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन करते हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के दौरान इन महिलाओं ने इस पारंपरिक पोशाक को पहना।